चलो चुनौती हम स्वदेश की नवजवान स्वीकार करें नव -विचार का सत्साहस का जन-जन में संचार करें |
कुटिल स्वार्थ संकीर्ण विचारों का छाया अँधियारा है |
आहत मानवता कराहती सिसका भारत सारा है |
खुशहाली के हेर दुश्मन पर , मिल जुल कर हम वार करें ||
नव विचार ........................................................................................................................................|
बेकारी तंगी बदहाली भारत माता बिलख रही |
आज दहेजी बलि -वेदी पर सितायें हैं धधक रहीं |
मुक्ति चाहिए नर पिसाच से , हम इनका प्रतिकार करें ||
नव विचार ...........................................................................................................................................|
एक नया भारत रचना है स्नेह भरे वयोहारों से |
देश नया गढ़ना -बढ़ना है आगे चाँद सितारों से |
भारत माता से स्वराष्ट्र से , सच्चे मन से प्यार करें ||
नव विचार ..........................................................................................................................................|
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